Narayan Bali Shradh
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नारायण बलि श्राद्ध
अकाल मृत्यु शस्त्र घात से जिनकी मृत्यु हुई हो, मरण काल में अस्पृश्य व्यक्ति से जिनका स्पर्श हो गया हो और जिनकी मरण कालिक शास्त्रोक्त विधि पूर्ण न की जा सकी हो, उन व्यक्तियों का इस प्रकार का मरण 'दुर्मरण' कहा जाता है। "नारायणवली" बिना किये जो कुछ जीव के उद्देश्य से श्राद्ध आदि प्रदान किया जायेगा, वह सब उसे प्राप्त न होकर अन्तरिक्ष में विनिष्ठ हो जायेगा। इसलिए उसके सुभेक्षु पुत्र-पुत्रों को सपिंडो को प्राणी के निमित्त नारायणवली अवश्य करानी चाहिये।